सफलता का आसान तरीका सीखते रहना चाहिए
सीखने की उम्र क्या होती है हेलो दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा कि जो भी लोग आज बड़ी-बड़ी बुलंदियों पर हैं
उन्होंने सिर्फ एक ही मकसद को अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है और वह लक्ष्य या मंजिल हमेशा कुछ नया सीखने की चाहत को बढ़ाता है कुछ लोग सारी उमर कुछ न कुछ सीखते रहते हैं या नई-नई बातें बड़े जोश के साथ सीखने को उत्सुक रहते हैं वही आदमी कोई बड़ा कार्य करते हैं संसार के सभी महापुरुष आयु भर अपने आप को विद्यार्थी समझते रहे निरंतर कुछ सीखने रहने का अर्थ है मनुष्य का निरंतर विकास जहां हम अपने आपको कमजोर समझते हैं वहां हम दूसरों से शक्ति प्राप्त कर सकते हैं कोई भी व्यक्ति हानि उठाए बिना बिल्कुल अकेला नहीं रह सकता दूसरों से संपर्क तोड़ने का अर्थ है जीवन की प्रगति को किनारे लगा देना इन बातों का सीधा प्रभाव हमारे व्यक्तिगत के विकास पर पड़ता है जिसका आदान-प्रदान बंद हो जाने से व्यक्ति का दिमाग भी एक प्रकार से संडास से भर जाता है निरंतर अपनी मृत्यु के संबंध में सोचते रहने से व्यक्ति बुड्ढा होता रहता है मृत्यु के संबंध में हर समय सोचते रहने के कारण हम सदैव उन स्थितियों से डरते रहते हैं और इस प्रकार हमारे शरीर की सारी क्रियात्मक शक्तियों का विनाश हो जाता है कार्य शक्ति के समाप्त हो जाने की कल्पना ही दुखों का बडा भारी स्त्रोत है
इस प्रकार के घटक विचार व्यक्ति की प्रेरणा शक्ति को निर्बल करते हैं इसका परिणाम यह होता है कि व्यक्ति बुढ़ापे से हार मान लेता है हमारी आंखों के सामने हर समय कबर का दरवाजा और ढीला ढाला शरीर झूलता दिखाई देता है भय के कारण हमारी हड्डिया गलने लगती है मृत्युदंड पाए हुए अपराधी की तरह हम अपने आपको एक ऐसे अंधे कुएं में धकेल लेते हैं जिसका अंधेरा भयंकर सांप बनकर हमारी सब प्रकार की सरचनात्मक शक्तियों को डस लेता है उसमें जहर भर देता है बुढ़ापे के भय के कारण शरीर के पोस्टिक तत्व काम ही नहीं करते ऐसी स्थिति में यदि हम बीमार हो जाते हैं तो इन रोगों का हम भाग्य की देन समझ बैठते हैं और उनका सामना करने की शक्ति नहीं रह जाती हम उनके सामने घुटने टेक देते हैं
अच्छा वाला व्यक्ति इस प्रकार के दुख सोपन का शिकार होकर बिल्कुल व्यर्थ हो जाता है यह महान आश्चर्य की बात है कि हम हानि पहुंचने वाले निर्धार अफवाओं को सच मान लेते हैं परंतु वैज्ञानिकों के निष्कर्षों पर हमें विश्वास नहीं होता मन को सदा क्रियात्मक रखें हमें हमेशा सीखते रहना चाहिए क्योंकि सीखते रहने से ही इंसान नई सोच हो नई छांव के साथ आगे बढ़ता है दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं कोई वस्तु नहीं जिससे कुछ सीखा ना जा सके ईश्वर ने हमें प्राकृतिक संपदा जीव जगत अन्य भिन्न प्रकार की वस्तुएं प्रदान की है जिन जिन से हम जिंदगी भर कुछ ना कुछ नया सीख सकते हैं इतनी सारी इच्छाएं जीने हम अपने पूरे जीवन काल में अनेक इच्छाओं के साथ कुछ न कुछ नया सीखने के लिए प्रतिदिन प्रेरित करता रहना चाहिए तो दोस्तों मैं तो आपसे यही बात बोलूंगा कि आप हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखते रहें और सच्चाई के रास्ते पर चलें क्योंकि सच्चाई का रास्ता एक ऐसा रास्ता है अगर आपको बहुत आगे बढ़ना है तो आपको सच्चाई ही आगे ले जा सकती है इसीलिए कहा गया है सीखने की कोई उम्र नहीं होती और ज्ञान के सामने हम सब छोटे हैं
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