सफल आदमी ऐसा क्या सोचता है जो एक आम आदमी नहीं सोच सकता
सफल आदमी के पास कुछ खास नहीं होता सिर्फ एक सोच का फर्क होता है वह फर्क उसे और दूसरों से बहुत अलग कर देता है सफल आदमी व असफल आदमी में क्या फर्क होता है एक छोटी सी बात के द्वारा आपको बताता हूं दो दोस्त होते हैं जो एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं पढ़ने में भी दोनों ना तो पढ़ने वाले हैं और नहीं गए गुजरे मीडिया है दोनों इंजीनियरिंग कॉलेज में साथ साथ पढ़ते हैं और साथ साथी इंजीनियरिंग पास करते हैं इंजीनियरिंग करने में उन्हें 4 साल लगते हैं और दोनों एक साथ ही नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाते हैं दोनों साथ-साथ बहुत से कंपनियों में नौकरी लेने गए लेकिन कोई नौकरी नहीं मिली एक जगह दो जगह 10 जगह बहुत बार उन्होंने कोशिश की लेकिन कहीं पर भी नौकरी नहीं मिली उनमें से एक ने कहा बस बहुत हो चुका अब मुझे जो भी छोटी-मोटी नौकरी मिलेगी मैं उसी करूंगा और वह कोई नौकरी करने लगा जो उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं थी और उससे पैसे भी बहुत कम मिलते थे अब दूसरा दोस्त सोचने लगा की नौकरी तो मुझे मिली नहीं बहुत अच्छी बात है अब मैं कभी नौकरी नहीं करूंगा क्योंकि मैं नौकरी के लिए बना ही नहीं कुछ सोचता हूं कि मैं क्या कर सकता हूं तब वह सोचता है उसने सोचा की प्रॉब्लम से सलूशन निकलता है
अब सोचता है कि मुझे प्रॉब्लम कहां कहां हुई जब वह कॉलेज के हॉस्टल में रहता था तो उसे यूज़ करने के लिए जो सामान खरीदना पड़ता था वह अलग अलग दुकानों पर मिलता था जोकि बहुत दूर-दूर थी वहां से लाने में बहुत ज्यादा परेशानी है होती थी वह सोचते हैं कि क्यों ना मैं कोई ऐसा काम करूं जिससे सभी सामान एक दुकान पर मिले वह भी आसानी से वह देखता है कि मेरे पास इतने पैसे तो नहीं है कि मैं सारी कैंपस को यह सारी चीजें दे सकूं लेकिन उस हॉस्टल को तो मैं दे सकता हूं जिससे मैं खुद रहता था क्योंकि वहां पर सब मुझे जानते हैं गेट कीपर और बहुत से दोस्तों को तो वह एक छोटी सी वेबसाइट बनाता है और इस वेबसाइट पर जो सामान सबसे ज्यादा यूज होता है छोटे से लेकर बड़ा अब उस पर डालता है और हॉस्टल में बोलता है कि आप यहां से सामान ले और 2 घंटे में डिलीवरी आपका सामान मार्केट रेट से थोड़ा कम होगा और सबसे बड़ी बात यह आती है कि कम कैसे होगा वह होलसेल की दुकान पर जाता है और वहां पर वहां सभी सामानों के प्राइस देखता है और अपने नजदीकी दुकानों से भी टाइप कर लेता हैं पैसे किसको बुरे लगते हैं जो भी आर्डर होता है उसे वह डिलीवर करता है वह दुकानदार से सामान उठाकर दुकानदार को पैसे दे और कमीशन अपने पास रख लेता है अब यहां से सबसे बड़ा काम शुरु होता है कुछ लोग यहीं पर भटक जाते हैं या जैसे किसी ने किराना की दुकान खोली और वह जिंदगी भर उस दुकान में ही काम करता रहा तो उसे ऐसा नहीं करना था अब वह एक हॉस्टल से दूसरे हॉस्टल तीसरे हॉस्टल इसी तरह पुरे केंपस को एक टीम के साथ काम करके पूरे कैंपस को कवर करता है और अच्छे पैसे कमाता है अब वह और आगे के लिए किसी फाइनैंशल इनवेस्टर के पास जाता है और अपना इडिया बताता है और कहता है कि यह वह idea है जो मैं फिलहाल यूज़ कर रहा हूं और यह हो रहा है आपके पास यहां पर हजारों लोग जो अपनी idea बताते होंगे कि ऐसा करोगे तो ऐसा हो जाएगा लेकिन मैं आपको सबूत के साथ साथ आपको बता सकता हूं कि आगे बिजनेस में बहुत ज्यादा कैरियर है तो वह खुशी खुशी उसके बिजनेस पर इन्वेस्ट करता है और उसकी एक कंपनी बन जाती है अब आप सोचिए की सफल लोगों में और असफल लोगों में क्या फर्क है असफल लोग बहाने बनाते हैं और अपनी किस्मत को बेकार मानते हैं जबकि सफल लोग बहाने बनाने की वजह प्रॉब्लम को सॉल्व करते हैं जैसे कि बहुत समय पहले ही बैग बन चुके थे और बहुत पहले पहिए भी बन चुके थे लेकिन किसी एक आदमी ने दिमाग लगाया और बैग के नीचे कार के पहिए छोटे करके लगा दिए और करोड़पति बन गया उसके दिमाग में यह आइडिया कैसे आया क्योंकि उसने यह प्रॉब्लम अपने ऊपर बहुत बार देखी होगी की लोग बैग को या तो हाथ में उठा रहे हैं या फिर सिर पर रख रहे हैं इसका कोई और उपाय नहीं है क्या जिससे आसानी से बैग ले जया जा सके इसलिए उसके दिमाग में यह आइडिया आया है सफल आदमी बनना बहुत ही आसान है लेकिन अपने दिमाग को हर वक्त खोले रखना बहुत जरूरी है बहुत से लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं लेकिन जब कोई सफल व्यक्ति डिप्रेशन में जाता है तो वह कुछ समय बाद अपने आप बाहर आ जाता है और आम आदमी नहीं आ पाता ऐसा नहीं है कि सफल लोग डिप्रेशन में नहीं चाहते लेकिन कुछ लोग उस डिप्रेशन को ही अपनी ताकत बना लेते हैं और कुछ लोग अपनी डिप्रेशन से अपने बहाने बना लेते हैं क्योंकि दुनिया में ऐसी कोई वस्तु ऐसा कोई काम अच्छा या बुरा नहीं है जिससे आदमी कुछ सीख नहीं सकता हमेशा आदमी को सीखते रहना चाहिए क्योंकि सफल आदमी की सीखने की चाहत कभी खत्म नहीं होते और वही लोग सफल होते हैं क्योंकि जिंदगी में अगर एक सवाल बना है तो उसके सो जवाब है ऐसा हो सकता है कि 100 जवाबों का हमें पता नहीं है लेकिन पता लगाना ही कामयाब इंसान की पहचान होती है
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